दिल्ली, राजधानी में पुरानी सब्जी मंडी से स्थानान्तरित हुई नई सब्जी मंडी जिसे आजादपुर मंडी के नाम से जाना जाता है आज फलों और सब्जियों के व्यापार के लिए थोक बाजार बना हुआ है। इस मंडी से प्रतिदिन हजारों टन सब्जियां, फल इत्यादि दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में आता और जाता है। इसी मंडी से थोड़ी दूरी पर रोहिणी, शालीमार बाग, केशव पुरम से गुजरती हुई एक प्रेमबाड़ी के नाम से एक नहर और उस पर बने हुए पुल भी हैं जिसमें हरियाणा से अक्सर पानी छोड़ा जाता है जो बाद में एक नाले में मिलकर यमुना नदी में गिरता है।
आजादपुर मंडी से खरीदी गई सब्जियों मसलन मूली, छोलियां, गाजरें, आलू, हरी सब्जियां,फल इत्यादि को अक्सर कई फुटकर खरीद करके बेचने वाले इन्हे पहले अकसर यहां भी धोते हैं। इस नहर के ठहरे हुए बदबूदार और गंदे पानी में कुछ लोग मूलियां, छोलियां और हरी सब्जियां धो रहे थे। पूछने पर जानकारी प्राप्त हुई कि जब भी मंडी से ऐसा सामान खरीदते हैं तो साथ ही में नहर के पानी में धोकर अपनी-अपनी दुकानों या छोटी-छोटी मंडियों में बिक्री के लिए हमेशा ले जाते हैं। आपको आज यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आ रहे हैं मगर ठीक समय पर आप अगर यहां आकर देखें तो यहां इतनी भीड़ भाड़ नजर आएगी मानो मेला लगा हुआ हो। उस शख्स के बोलने के लहजे में जरा भी फिक्र नहीं थी कि जिस गंदे और बदबूदार पानी में सब्जियां धोई जा रही हैं उससे खाने वाले को गंभीर बीमारी होने का खतरा भी हो सकता है। संक्रमण भी हो सकता है। प्रकाशित चित्र में केवल कुछ सब्जियों को धुलते हुए दिखाया गया है। इस प्रकार से सब्जियों की धुलाई के प्रति दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय, पुलिस और प्रशासन का मौन हैरान करने वाला है। उम्मीद है दिल्ली सरकार और प्रशासन इस विषय पर संज्ञान अवश्य लेगा।