सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार ज़ोरो

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सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार ज़ोरो

By | 2017-12-14T06:27:19+00:00 October 17th, 2017|Breaking News|

आजकल सरकारी अस्पतालों में लापरवाहियां और मनमानियां ज़ोरों पर चल रहीं हैं मानो किसी का भी डर न हो। मरीज़ों की लंबी लंबी लाईनें लगी हैं परन्तु डाक्टर को मरीजो को देखने की परवाह नहीं। हां यदि कोई दवा प्रतिनिधि आ जाता है तो डाक्टर उसे जरूर मिलने में रूचि दिखाते हैं। इसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार है। आज कल के चलन के हिसाब से डाक्टर मरीज़ों को इन दवा प्रतिनिधियों द्धारा अनुमोदित दवाईयों को लिखने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहें हैं जिसका मुख्य कारण दवा कंपनियों और डाक्टरों के बीच सांठ गांठ और मिली भगत है। बाकी दवाओं के मुकाबले में इनकी दवाईयां बहुत महंगी हैं। डाक्टर जितनी दवा मंहगी लिखेगा उतनी ही सैटिंग ज़्यादा बढ़िया होगी। दीवाली का उपहार भी उतना महंगा होगा।
अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड मे तो भ्रष्टाचार का बोल बाला है जबकि वहां लगें सूचना पट मे स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि रिश्वत मांगने पर अधिकारियों को सूचित किया जाए । बावजूद सूचना के भी वार्ड का स्टाफ जच्चा के रिश्तेदारों,सगे संबंधियों या मिलने वालों से लड़का पैदा होने पर न्यूनतम 2100/- रू और लड़की होने पर 1100/-रू लिए बिना बच्चा नही सोंपते। अस्पताल के उच्चअधिकारी इस सच्चाई से भली भांति वाकिफ होने के बावजूद भी मौंन हैं परन्तु मरीज़ इस इनाम रूपी भ्रष्टाचार की चक्की मे प्रतिदिन पिस रहे हैं। कब खत्म होगा यहां भ्रष्टाचार का ऐसा घिनौना खेल।